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परवरिश योजना में शामिल हो अनाथ बच्चों के लिए नर्सरी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा :- कृष्णा पटेल


पटना 06 जून: बिहार सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अभिवंचित / अनाथ बच्चों के लिए चलाए जा रहे परवरिश योजना कि सराहना करते हुए छात्र जनता दल यूनाइटेड के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सह वरीय छात्र नेता कृष्णा पटेल ने कहा कि बिहार के अद्वितीय माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का यह अद्वितीय पहल है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।

जिसका लाभ अनाथ एवं बेसहारा बच्चें जो किसी अनाथालय या अपने निकटतम संबंधी या रिश्तेदार के यहां रहते हो उनके साथ - साथ वर्तमान में कोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी से जिस बच्चें के माता-पिता की मृत्यु हो जाने की स्थिति में अनाथ हो गए हो।

वैसे बच्चे भी अनाथ की श्रेणी में माने जाएंगे और परवरिश योजना का लाभ मिलेगा जो बच्चे एड्स या कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं या जिनके माता-पिता एड्स या कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं या किसी कारण बस घटना- दुर्घटना में माता- पिता दोनों का आकस्मिक मृत्यु हो गई हो, मानसिक दिव्यांगता या कठोर सजा काट रहे कारावास में बंदी होने के कारण अथवा किसी अन्य न्यायिक आदेश के कारण अपने बच्चे की परवरिश में असमर्थ हो गए हों।

ऐसे सभी नवजात शिशु से लेकर 18 वर्ष की उम्र समूह के बच्चें को राज्य सरकार द्वारा ₹1000 प्रति माह पालन- पोषण के लिए दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत वर्तमान में राज्यभर के 12000 से अधिक बच्चें इस परवरिश योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

लेकिन मैं बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी को ध्यान आकृष्ट कराना चाहूंगा कि जिस प्रकार से आपने बिहार में शिक्षा का जो अलख जगाया है और विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन राशि व योजना चलाकर बिहार के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

उससे ये तमाम अभिवंचित /अनाथ बच्चे भी अछूता नहीं हैं और ये लोग भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए बेताब हैं। इन सभी बच्चों में भी कुछ कर गुजरने और लंबी उड़ान भरने की क्षमता है जो सपना आपने दिखाया है।
लेकिन इनके सपनों को साकार करने में आर्थिक समस्या एक बड़ी बाधा बनकर सामने आ जाती है। उस समय ऐसे अनाथ बच्चों के आत्मविश्वास पर बहुत बड़ा आत्मघात होता है और अनाथ होने का एहसास दिलाता है। वहीं वर्तमान समय में महंगाई चरम पर है जिसकी मार ऐसी है कि अनाथ बच्चों को परवरिश योजना के अंतर्गत राज्य सरकार  द्वारा ₹1000 प्रति माह दिए जाने वाले अनुदान राशि से पालन - पोषण व शिक्षा- दीक्षा प्राप्त करना दोनों कार्य एक साथ संभव नहीं हो सकता है।

इसीलिए मैं ऐसे सभी अनाथ बच्चों के लिए बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और माननीय शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी जी से यह मांग करता हूं कि परवरिश योजना में अनाथ बच्चों के लिए नर्सरी से लेकर पीजी तक मुफ्त शिक्षा व्यवस्था को भी शामिल किया जाए और प्राथमिकता के साथ बिना किसी भेदभाव के बिहार के सभी सरकारी व गैर- सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा यह अधिसूचना जारी करने की सिफारिश करता हूं।

जबकि बिहार से बाहर जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले अनाथ बच्चों के लिए राज्य सरकार से "स्पेशल स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड" जारी करने की मांग करता हूं।

क्योंकि राज्य सरकार पहले ही बिहार के होनहार सभी वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू कर चुकी है। जिससे आज प्रदेशभर के प्रतिभावान छात्र -छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं। जिसकी मैं भूरी- भूरी प्रशंसा करता हूं और प्रदेश भर के युवाओं व छात्रों की ओर से राज्य सरकार के प्रति कोटि-कोटि आभार प्रकट करता हूं।

                     

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