पटना 07 जुलाई : बिहार की राजनीति में जोड़ तोड़ के जरिए शह मात का खेल चल रहा है. कभी जदयू, कभी राजद तो कभी लोजपा में टूट की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. कांग्रेस को भी पार्टी में टूट का डर रहा है, क्योंकि कई दफा सत्तारूढ़ जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के नेता इस ओर इशारा कर चुके हैं.
इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार इकाई के नेताओं को बुधवार को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है. बैठक को लेकर कोई एजेंडा स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह बैठक संभावित टूट को रोकने की रणनीति के लिए है. कहा यह भी जा रहा है कि बैठक में प्रदेश कांग्रेस को नए अध्यक्ष के लिए भी चर्चा हो सकती है.
राहुल गांधी बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ सभी विधायकों और विधान पार्षदों से मुलाकात करेंगे. राहुल गांधी ने बुधवार को बिहार के विधायक, सांसदों, राज्य सभा सदस्यों सहित 36 नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की बैठक में बिहार कांग्रेस में बड़े बदलाव को लेकर चर्चा होगी. प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान अपना फैसला थोपने के मूड में नहीं है. लिहाजा प्रदेश के बड़े नेताओं से नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर रायशुमारी की जा सकती है.
अगर कांग्रेस की बिहार इकाई में बदलाव की बात होती है तो कुछ नाम ऐसे हैं, जिनमें से किसी एक को प्रदेश की कमान दी जा सकती है. दूसरी सरी बार विधानसभा का चुनाव जीते राजेश राम का नाम आगे आ रहा है तो इस लिस्ट में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार के नाम की भी चर्चा है. तारीक अनवर भी इस रेस में हैं. निखिल कुमार के अलावा विधान पार्षद समीर सिंह और भूमिहार बिरादरी से अखिलेश कुमार सिंह का नाम भी लिया जा रहा है. बहरहाल, जो भी हो, लेकिन यह तो साफ है कि कांग्रेस आलाकमान की नजर अब बिहार पर भी चली गई है.
राजनीतिक हलकों में चर्चाएं यह भी हैं कि हाल में पार्टी की टूट को लेकर चल रही चर्चाओं के मद्देनजर आलाकमान विधायकों की नब्ज टटोलना चाह रहा है. बैठक को बिहार कांग्रेस में संभावित टूट को लेकर पार्टी की अपनी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए यह कि कांग्रेस के कई विधायकों के जदयू नेताओं के संपर्क में होने की खबरें सामने आती रही हैं. खासकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के कांग्रेस छोड़ जदयू में आने से इन चर्चाओं ने और जोर पकड़ा है. जदयू के नेता भी दावा करते रहे हैं कि कांग्रेस के कई विधायक उसके संपर्क में हैं.
दरअसल, बिहार में लोजपा में टूट के बाद कांग्रेस को भी टूट का डर है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने लिए जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की अस्थिर राजनीति के बीच किसी भी आपात स्थिति में सेफ गेम खेलना चाहते हैं, इसलिए कांग्रेस में संभावित टूट की अटकलें हैं. ऐसे में अब बिहार कांग्रेस में उपजे असंतोष के स्वर को समझने और उसे दूर करने के लिए राहुल गांधी ने बैठक बुलाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी बिहार के बड़े नेताओं से एक-एक करके यानी अकेले में मुलाकात कर सकते हैं. बाद में फिर सामूहिक रूप से भी मिलेंगे.
सौ. न्यूज़नेशनटीवी