पटना। कोरोनावायरस जैसे वैश्विक महामारी से जहां पूरा देश जूझ रहा है और कोविड-19 से ग्रस्त मरीज को लेकर उनके परिजन अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं तथा डॉक्टरों और कंपाउंडरों के सामने कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों के परिजन नतमस्तक होकर उचित उपचार और देखभाल के लिए विनती करते नजर आ रहे हैं।
जिसका नाजायज फायदा उठाकर कोविड-19 से ग्रस्त पुरुष की पत्नी के साथ एक डॉक्टर और एक कंपाउंडर द्वारा दुर्व्यवहार करने का मामला प्रकाश में आया है।
जिस पर छात्र जनता दल यूनाइटेड के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सह वरीय छात्र नेता कृष्णा पटेल ने चैनल द्वारा प्रकाशित खबर को देखने और सुनने के बाद ऐसे कुकृत्य कार्यों में शामिल डॉक्टर और कंपाउंडर पर बिहार के सीएम श्री नीतीश कुमार से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। कृष्णा पटेल ने कहा कि पीड़ित महिला की व्यथा हृदय विदारक है और जिस प्रकार से मीडिया के समक्ष महिला ने अपने साथ बदसलूकी करने वाले भागलपुर स्थित लोकल हॉस्पिटल भागलपुर के कंपाउंडर ज्योति कुमार और राजधानी पटना के राजेश्वर हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश का जिक्र करते हुए अपनी आत्मकथा सुनाई।
इसके लिए मैं उनकी विवेक व साहस को सलाम करता हूं।आज एक ओर जहां कोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी से पूरा देश शोकाकुल है और डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी इस मृत्युलोक के वास्तविक देवता के रूप में माने जा रहे हैं।
वहीं एक डॉक्टर और कंपाउंडर द्वारा महिला के साथ किया गया दुर्व्यवहार बिहार की अस्मिता के साथ खिलवाड़ व किसी जघन्य अपराध से कम नहीं है जिसकी मैं घोर निंदा करता हूं और ऐसे कुकृत्य कार्य कर डॉक्टरों की छवि को धूमिल करने वाले राजेश्वर हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश व मानवता को शर्मसार करने वाला भागलपुर लोकल हॉस्पिटल के ज्योति कुमार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर पीड़ित महिला को न्याय दिलाने की मांग करता हूं।
ताकि भविष्य में कोई डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी इस प्रकार का कुकृत्य कार्य करने के बारे में सोचें तक नहीं साथ हीं साथ आम जनता को धरती का साक्षात देवता माने जाने वाले डॉक्टर बंधुओं और उनके सहयोगियों पर पूर्ण आस्था और विश्वास बनीं रहे।
अंत में कृष्णा पटेल ने बिहार के सीएम श्री नीतीश कुमार से यह भी मांग किया कि इस विपदा की घड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर की ब्लैक मेलिंग करने वाले सांसों के सौदागरों पर राज्य सरकार सख्त कानून बनाकर कार्रवाई करें और इसमें संलिप्त सरफिरों पर सरकार आजीवन किसी प्रकार का संस्था संचालित करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाएं।