पटना। आज अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के अवसर पर बिहार के वरिय छात्र नेता सह छात्र जदयू के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल ने योग दिवस का जश्न मनाते हुए कहा कि योग एक ऐसा भोग है । जिसे अपने दिनचर्या में बिना शामिल किए, बिना साधना किए और बिना तपे आप भूखें हैं।
क्योंकि योग एक ऐसी साधना और एक ऐसी क्रिया का नाम है जो आप- अपने जीवन- यापन के लिए जितने भी प्रकार के खान - पान खाते हैं और उसके जो भी गुण व अवगुण होते हैं ।
उन सबका निचोड़ एकमात्र योग है।विशेषकर आज मैं सभी छात्र व युवाओं से अपील करना चाहूंगा कि इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी छात्र- युवा अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने के लिए संकल्पित हों।
क्योंकि छात्र- युवाओं को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एकाग्रता, आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, संयम, क्षमता, शक्ति, उत्तम स्वास्थ्य और निर्मल काया आदि का समावेश एक साथ होना अति आवश्यक है। जिसका एक मूल आधार योग साधना हीं है।
योग मानव शरीर को सिर्फ रोगमुक्त ही नहीं बनाता।
बल्कि मानसिक और बौद्धिक रूप से मानव को सशक्त, शांत और ओजस्वी बनाता है।जिसके सहारे हम मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक रूप से मजबूत होकर दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य की ओर तेज गति से आगे बढ़ते हैं और एक दिन लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं।इसलिए छात्र और युवाओं के लिए योग किसी ईश्वरीय वरदान से कम नहीं है इसे अपने जीवन शैली में नित्य दिन शामिल करें ।
योग ईश्वर का दिया हुआ वह वरदान है जिसकी तपस्या करने से आपके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और पूरी तरह से आप निरोग रहेंगे।क्योंकि स्वस्थ शरीर, आत्मविश्वास, एकाग्रता,संयम व दृढ़ निश्चय के साथ किया गया कार्य, शांत और स्वस्थ मस्तिष्क हीं सफलता की पटकथा लिखती है और इन सबका मूल मंत्र योग साधना है।