पटना। अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के अवसर पर कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट एंड साइंस, पटना अर्थशास्त्र विभाग के प्रचंड विद्वान अर्थशास्त्री प्रोफेसर डॉ. उमेश प्रसाद ने योगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि मानव जीवन को सफल बनाने और किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने का मूल मंत्र योग है।
क्योंकि योग एक ऐसी साधना का नाम है जिसे अपने दिनचर्या में शामिल करने पर आपको असीम शक्ति और स्वस्थ मस्तिष्क के साथ-साथ शांति प्रदान करती है।
शिक्षा का क्षेत्र हो या कला - संस्कृति का या फिर खेलकूद का क्षेत्र किसी भी क्षेत्र में अगर आप- अपना लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं
तो बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ असीम ऊर्जा, स्वस्थ मस्तिष्क, एकाग्रता, कॉन्फिडेंस, दृढ़ निश्चय और धैर्य के साथ संयम रखना अति आवश्यक है और इन सब का मूलभूत आधार केवल योगासन है। जिसकी तपस्या से आप अपने अंदर इन सारी चीजों को बड़ी आसानी से सहेजते हुए सफलता के मार्ग पर अग्रसर हो अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
इतना ही नहीं योगा आपके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और विभिन्न प्रकार के साधारण व गंभीर बीमारियों बचाती है।एक अर्थशास्त्री होने के नाते मैं आप सबों को बताना चाहूंगा कि पिछले वर्ष से हीं कोरोनावायरस जैसे जानलेवा बीमारी मानव प्राणियों के लिए घातक बना हुआ है। जिसको अधिक फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर इस संक्रामक बीमारी का चेन तोड़ने के लिए प्रयासरत रहा।
जिसके कारण हमारे देश व प्रदेश के अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़ा और आज महंगाई चरम सीमा पर जा पहुंचा है ।जिसके फलस्वरूप अब आम जनजीवन पर महंगाई की मार भी सताने लगी है।
इसीलिए समस्त देशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर आज यह संकल्प लेना होगा कि ऐसी भयावह और जानलेवा संक्रामक विभिन्न प्रकार के बीमारियों से बचने के लिए अपने अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए योग का सहारा लेंगे और अपने जीवन की रक्षा करते हुए देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाली दुष्प्रभाव को भी बचाएंगे।
क्योंकि सफलता तीन चीज़ो से मापी जाती हैं।
धन, प्रसिद्धी और मन की शांति। धन और प्रसिद्धी पाना आसान हैं। लेकिन “मन की शांति” केवल योग से मिलती हैं और मन की शांति के बिना सब कुछ अधूरा है।
इसलिए योग सफलता के शिखर पर पहुंचाने के लिए सर्वोपरि है।