पटना: वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को लेकर तरह-तरह के पुराने विडियो के साथ कुछ लोग पोस्ट कर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं।
जिसे लेकर छात्र जदयू के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह की हरकत कर रहे हैं वो कहीं से उचित नहीं है और पार्टी के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार जी के फैसले को चुनौती देने जैसी है।
क्योंकि दूरगामी सोच रखने वाले बिहार के अति लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री व पार्टी के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार जी ने पार्टी को सशक्त और सुदृढ़ बनाकर बिहार में नंबर वन की पार्टी में पुनः स्थापित कर राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान बनाने के उद्देश्य से पार्टी हित में दिन-रात सोचने वाले पार्टी के कर्मठ व समाजवादी विचारधारा वाले नेता श्री ललन सिंह जी को राष्ट्रीय कमान सौंपी है ।
इसीलिए पार्टी के नेता में पूरी आस्था और विश्वास रखने वाले सच्चे सिपाही व सभी वर्गों के पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है।
मैं पार्टी के एक वफादार सिपाही होने के नाते राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललन सिंह जी को लेकर सोशल मीडिया पर तथाकथित कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही अशोभनीय हरकत कि मैं घोर निंदा करता हूं और पार्टी के सर्वमान्य नेता द्वारा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जी को बनाए जाने के निर्णय को पुराने वीडियो और पोस्ट के माध्यम से चुनौती देने का जो प्रयास किया जा रहा है वो बर्दाश्त करने की सीमा से बाहर है।
इसीलिए मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय और प्रदेश अध्यक्ष महोदय से यह मांग करता हूं कि पार्टी अपने स्तर से ऐसे तथाकथित कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
क्योंकि ऐसी हरकत जदयू के सर्वमान्य नेता व पार्टी प्रति वफादार रहने वाला कोई भी कार्यकर्ता नहीं कर सकता।
मेरा मानना है कि पार्टी के सर्वमान्य नेता ने शायद यह खुद आकलन किए होंगे कि आखिर ऐसी क्या वजह है की 2005 के विधानसभा चुनाव में 88 सीट पर जीत दर्ज कर सत्ता में आने के बाद जनहित में सराहनीय कार्य हमने किया तो पार्टी 2010 के विधानसभा चुनाव में 115 सीट पर जीत दर्ज कर बिहार की नंबर वन पार्टी बनीं।
जबकि लगातार सरकार द्वारा जनहित में कार्य किया जा रहा है और विकास की चौमुखी धारा बहाया जा रहा है तो आखिर ऐसी कौन सी बात है जिसके कारण 2015 के विधानसभा चुनाव में केवल 71 सीट हासिल हुई। वहीं 2020 में मात्र 43 सीट पर हीं हमारी पार्टी को जीत हासिल हुई । जो निश्चित रूप से एक रिसर्च का विषय बना हुआ है शायद इन्हीं कारणों से पार्टी के सर्वमान्य नेता ने जदयू की राष्ट्रीय कमान ललन सिंह को सौंपने का निर्णय लिए हैं।
क्योंकि ललन बाबू के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए जदयू बिहार प्रदेश में अपना मजबूत जनाधार बना चुका था जिसका परिणाम 2010 में देखने को मिली थी।इसलिए हम सभी कार्यकर्ताओं को अपने पार्टी के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पूरी आस्था और विश्वास है कि आने वाले दिनों में जनता दल यूनाइटेड बिहार में पुनः नंबर वन की पार्टी बनकर उभरेगी और राष्ट्रीय स्तर पर एक खास पहचान बनाएगी।